राजस्थान में स्वाइन फ्लू की स्थिति बिगड़ी
सेहतराग टीम
ठंड बढ़ने के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से स्वाइन फ्लू के तेज गति से फैलने की खबरें भी आने लगी हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से ये बीमारी राजस्थान में अपना ज्यादा प्रकोप दिखा रही है। इस वर्ष भी राज्य के जयपुर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर और बारां जिलों में इस बीमारी ने अपने पैर फैला दिए हैं। ऐसे में राज्य की नवगठित सरकार के लिए पहली प्राथमिकता लोगों का स्वास्थ्य बन गया है।
इसी के मद्देनजर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार देर रात राज्य में स्वाइन फ्लू की स्थिति एवं रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने जयपुर में स्वाइन फ्लू की स्थिति एवं इसकी रोकथाम के लिए तैयारियों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। डॉ. भण्डारी ने बताया कि एसएमएस अस्पताल में स्वाइन फ्लू की जांच एवं इलाज की सुचारू व्यवस्था 24 घण्टे उपलब्ध है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के अनुसार वर्ष 2018 में एक जनवरी से लेकर 28 दिसंबर तक राज्य में स्वाइन फ्लू के कुल 22,172 संदिग्ध मरीजों की जांच में से 2315 मरीजों में स्वाइन फ्लू पाया गया। वहीं बीमारी ने इस पूरे वर्ष में 218 लोगों को मौत के आगोश में पहुंचा दिया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जिन क्षेत्रों से अधिक संख्या में स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं, वहां एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर से विशेषज्ञों की टीम अन्य मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में जाएगी तथा स्वास्थ्यकर्मियों के साथ समुचित इलाज और रोकथाम के लिए समन्वय स्थापित करेंगे।
गहलोत ने ठंड के मौसम को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रदेश के सभी अस्पतालों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक जरूरी दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक मेडिकल स्टॉफ भी आवश्यक रूप से उपस्थित रहे।
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